**असमानता क्यों उत्पन्न होती है?
कई लोग कहते हैं कि इसका कारण विभिन्न व्यवसायों के बीच वेतन असमानता है, लेकिन मुझे लगता है कि इसका मूल कारण उचित पारिश्रमिक संतुलन की कमी है। उदाहरण के लिए, क्या संसद में सोने वाले सांसदों को भारी वेतन देने की आवश्यकता है? राजनेता मूल रूप से एक मानद पद था और बिना वेतन के होता था। अब यह एक उच्च वेतन वाला पेशा बन गया है।
दूसरी ओर, नर्सिंग और देखभाल पेशों का वेतन इतना कम क्यों है? ये जीवन और गरिमा से संबंधित महत्वपूर्ण पेशे हैं, फिर भी उनका पारिश्रमिक कम है। इन पेशों को अधिक वेतन मिलना चाहिए। इसके अलावा, जो लोग तपती धूप में काम करते हैं, वे भी अपने जीवन को जोखिम में डालते हैं। उनका श्रम समाज के लिए अनिवार्य है और उन्हें उचित पारिश्रमिक मिलना चाहिए।
इसके अलावा, एक वेतन प्रणाली जो सुखद जीवन स्तर को प्राप्त नहीं कर सकती, वह श्रम और जीवित रहने की इच्छा को कम कर देती है। जब लोग अपने जीवन से संतुष्ट नहीं होते हैं, तो भविष्य के लिए आशा रखना मुश्किल हो जाता है, और परिणामस्वरूप जन्म दर घट जाती है। यह पूरे समाज के लिए एक बड़ी समस्या है।
परिणामस्वरूप, हमें पारिश्रमिक के संतुलन को पुनः मूल्यांकन करने की आवश्यकता है। सभी पेशों को उनके मूल्य के अनुसार उचित वेतन मिलना चाहिए। विशेष रूप से, जीवन और गरिमा से संबंधित पेशों और कठिन परिस्थितियों में काम करने वाले लोगों को उचित पारिश्रमिक मिलना चाहिए। इससे श्रम की इच्छा में सुधार होगा और पूरे समाज की खुशी बढ़ेगी। विवा मानव!**